स्वाधीनता दिवस….
>> Monday, August 18, 2008
देशभक्ति गीत और भाषण
और देशभक्ति
नदारद
शहीदों को श्रद्धांजलि
ध्वजारोहण
इतिहास का गौरव गान
बड़े-बड़े वादे
बधाइयों का आदान-प्रदान
और कर्तव्यों की इति
कुछ ही देर बाद
देश को लूटने की योजनाएँ
एकता पर प्रहार
वोट की राजनीति
और कुटिल अट्टाहस
और जनता…..
नेताओं पर दोषारोपण
आरोप-प्रत्यारोप
अपने कर्तव्यों से अंजान
मेरा देश महान
19 comments:
करारी चोट की आपने.
हकीकत का आइना दिखला दिया समाज को.
karara waar kiya hai aapne
सच्ची बात
सत्य वचन लिखा है जी आपने ..आजादी पर्व पर करारा व्यंग
फिलहाल तो ऐसा ही है..
फिलहाल तो ऐसा ही है..
आज तो आप ने कविता मे एक आईना दिखा दिया धन्यवाद
समझ नही आया कहां आपको शुक्रिया कहुं, इसलिये यहीं कह रहा हुं, धन्यवाद.
सचमुच एसे ही विरोधाभासों से हमारा राष्ट्र घिरा है..बहुत अच्छी रचना।
***राजीव रंजन प्रसाद
सत्य वचन!!अच्छी रचना!
" oh ya very right said, good comment on the subject"
Regards
ये तो यथार्थ चित्रित कर दिया आपने अपनी कविता में.इस विषय पर मैने भी अपने चिट्ठे पर इसी आशय की पोस्ट लिखी है.कुछ भी हो,ये हमारे देश की हकीकत है जिसे हम झुठला नहीं सकते.
अति सुंदर.
ख़ुद से पूछे सब -
राष्ट्र मंच पर कहाँ खड़े हैं?
नायक हैं या खलनायक हैं?
है गौरव भारत माता का,
या उस के दुःख का कारण हैं?
स्वतंत्रता दिवस के बहाने जीवन की कटु सच्चाईयों को अपना सटीक आईना दिखाया है।
बहुत अच्छी रचना
उम्दा रचना
sachchi tasweer.........
bahut achhi lagi
जश्न में खो गयी
लोकतंत्र की पहचान को
सही पहचाना आपने.....!
रचना सच्चाई का मुक़म्मल बयान है.
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
nice thaughts congratulation plz visit my blog regularly please
First of all ! aap ko HAPPY INDEPENDENCE DAY. Hamare desh ki katha-vyatha bahut hi khoob tarah se aapne bataya hai ise. Pata nahi ye neta log nayak to nahi hi hai, haan khal nayak jaroor kaha ja sakta hai inko. Shayad fir koi Veer Bhagat Sinh fir Bharat mein janm dharan karen aur aaj ke is daur ko ek dookhad itihaas bana de!
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