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माँ

>> Sunday, May 10, 2009



माँ"
एक प्यारा सा शब्द
एक मीठा सा रिश्ता
प्रेम उदधि
त्याग की मूरत
बलिदान रूप
ईश्वरीय शक्ति
आँचल में समेटे
ममता का सागर
दो प्यारी सी आँखें
ममता से लबालब
राहों में बिछी
देखती हैं सपने
दो कोमल सी बाँहें
सदा संरक्षण को आतुर
एक सच्चा सम्बल
एक शक्ति और एक आस जीवन में भर देती
सदा विश्वास......
.. आज के दिन दूँ
क्यातुमको उपहार
मस्तक झुकाती हूँ
सहित आभार


(चित्र स्मिता तिवारी साभार)http://vahak.hindyugm.com/2007/10/blog-post_1942.html

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