आओ एक इतिहास बनाएँ
>> Thursday, August 14, 2008
आओ एक इतिहास बनाएँ
वैर भाव से त्रस्त हृदयों को
शीतल चन्दन लेप लगाएँ
सदियों तक तड़पी मानवता
धर्म जाति की अग्नि में
मन्दिर-मस्ज़िद के झगड़ों से
छलनी हैं सबके सीने
आओ मिलकर कोशिश कर लें
सच्चा एक इन्सान बनाएँ
शंकर को फिर से ले आएँ
सच्चा मानव धर्म सिखाएँ
पश्चिम ने पूरब को घेरा
जीत रही है भौतिकता
धन के पीछे भाग रहे हैं
धक्के खाती नैतिकता
आओ अपने बच्चों को फिर
पूरब का आदर्श दिखाएँ
विवेकानन्द को फिर ले आएँ
भारत की फिर शान बढ़ाएँ
उसको विश्व विजयी बनाएँ
देश प्रेम की झूठी चर्चा
संसद में नेता करते हैं
लूट देश को जेबें भरते
बड़ी-बड़ी ये बातें करते
आओ इनके षड़यंत्रों को
हम सब मिलकर विफल बनाएँ
भगत सिंह के फिर ले आएँ
मिलकर अपना राष्ट्र बचाएँ
गीली मिट्टी हाथ हमारे
पूरे कर लें सपने सारे
सद्भावों का रंग ले आएँ
देश भक्ति का जल बरसाएँ
अदभुत् सुन्दर मूर्ति बनाएँ
भारत माता के चरणों में
अपनी अनुपम भेंट चढ़ाएँ
अपना गुरुत्तर भार निभाएँ
आओ एक इतिहास बनाएँ
18 comments:
आओ एक इतिहास बनाए .अच्छी लगी आपकी यह रचना शोभा जी .१५ अगस्त की बधाई
nice poem
bahut hi sundar.. vishay achha chuna aapne
वाह क्या बात हे , आओ इक इतिहास बनाये. बहुत सुन्दर सन्देश,धन्यवाद
इस देशभक्तिपूर्ण सुंदर कविता के लिए आभार। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
संसद के नेताओं के षडयंत्रों को .....
.....हम सब मिलकर विफल बनाऍं
तहे दिल से स्वीकार ।
nice thoughts....
सुंदर कविता के लिए आभार. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं!
शोभा जी,
सबसे पहले आपको १५ अगस्त के हार्दिक शुभकामनाएं.
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शानदार रचना प्रस्तुति के लिए धन्यवाद.
निम्न पंक्तियाँ विशेष पसंद आयीं ........
पश्चिम ने पूरब को घेरा
जीत रही भौतिकता
धन के पीछे भाग रहे हैं
धक्के खाती नैतिकता
इसे से मिलती जुलती मेरे भी कुछ पंक्तियाँ " श्रद्धा' रचना खंड में है यथा
स्वार्थ से आदमी चालाक हो गया है
संस्कारित लगता है नालायक हो गया है
चन्द्र मोहन गुप्त
शोभा जी
आप को स्वतँत्रता दिवस की बधाई ! " वँदे मातरम "
बढिया कविता के लिये आभार !
- लावण्या
शुभकामनाएं पूरे देश और दुनिया को
उनको भी इनको भी आपको भी दोस्तों
स्वतन्त्रता दिवस मुबारक हो
wah wah achhi kavita
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं ओर बहुत बधाई आप सब को
देश-भक्ति के जज्बे से ओत-प्रोत रचना के लिये आपको अनगिन बधाईयाँ शोभा दी...और आपको व आपके पूरे परिवार को स्वतंत्रता दिवस की अनेक शुभ-कामनाएं...
जय-हिन्द!
बहुत ही प्रभावपूर्ण एवं लयबद्ध प्रस्तुति !बधाई !!
आपको भी स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं!
वंदे मातरम!
इस सुन्दर कविता के माध्यम से दायित्वों को याद दिलानें के लिये के लिये आभार ।
शोभा जी आपकी ब्लाग सक्रियता के लिये मेरा विशेष धन्यवाद ।
संसद के नेताओं के षडयंत्रों को .....
.....हम सब मिलकर विफल बनाऍं
Kaash, agar aisa koi itihaas koi bana paye, shayad yah moomkin nahi. Agar aisi koi fauj banayen aap, hum uske fauji ban na pasand karange jo yah karya kar sake. Any ways HAPPY INDEPENDENCE DAY. Desh daaz ki apratim rachna hai yah...
बहुत सुंदर पंकितियाँ
कृपया इस पर भी लोगिन करें http://manoria.blogspot.com and http://kanjiswami.blog.co.in
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