दीपावली
>> Saturday, October 25, 2008
रौशनी का खुशी का उल्लास का
दीपावली पर्व है उमंग का प्यार का
दीपावली नाम है उपहार का
दीवाली पर हम खुशियाँ मनाते हैं
दीप जलाते नाचते गाते हैं
पर प्रतीकों को भूल जाते हैं ?
दीप जला कर अन्धकार भगाते हैं
किन्तु दिलों में -
नफरत की दीवार बनाते है ?
मिटाना ही है तो -
मन का अन्धकार मिटाओ
जलाना ही है तो -
नफ़रत की दीवार जलाओ
बनाना ही है तो -
किसी का जीवन बनाओ
छुड़ाने ही हैं तो -
खुशियों की फुलझड़ियाँ छुड़ाओ
प्रेम सौहार्द और ममता की
मिठाइयाँ बनाओ ।
यदि इतना भर कर सको आलि
तो खुलकर मनाओ दीवाली
21 comments:
हार्दिक शुभकामनाएँ!
दीपावली आप के लिए सुख, समृद्धि और खुशियाँ लाए!
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं
किसी का जीवन बनाओ
छुड़ाने ही हैं तो -
खुशियों की फुलझड़ियाँ छुड़ाओ
प्रेम सौहार्द और ममता की
मिठाइयाँ बनाओ ।
यदि इतना भर कर सको आलि
तो खुलकर मनाओ दीवाली
दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं
आपको दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये !
बहुत सुंदर...
आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.
दीपावली नाम है प्रकाश का
रौशनी का खुशी का उल्लास का
दीपावली पर्व है उमंग का प्यार का
दीपावली नाम है उपहार का
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं!
bahut khubsurat rachana,diwali mubarak ho
अच्छी रचना/दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें/
बहुत सुंदर लिखा है| दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये |
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें आप के लिए सुख समृद्धि और खुशियाँ लाए.
wish u a very happy diwali...
बहुत सुंदर भाव हैं. आपको दीवाली की शुभकामनाएं.
जलाना ही है तो -
नफ़रत की दीवार जलाओ
बनाना ही है तो -
किसी का जीवन बनाओ
छुड़ाने ही हैं तो -
खुशियों की फुलझड़ियाँ छुड़ाओ।
बहुत सुन्दर विचार हैं। आपको भी दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
Ati sunder shabdon se yukt...ek sunder rachanaa!....Dipawali ki dheron shubh kaamanayen!
बहुत अच्छे शब्द है,
दीपावली की शुभकामनाये |
सादर,
विनय के जोशी
हर बार की तरह लाज़बाब
लूटने वाले तो हमेशा से रहे है...रहेंगे....हमें क्या चाहिए....हमारी जरुरत क्या है...जिसे हम जरुरत माने हुए हैं...वो दरअसल है भी कि नहीं....ये सोचने हमारा बाप तो आयेगा नहीं... खरीदने को ही त्यौहार समझा है हमने....बाटने को नहीं.....हमारी सोच में कहीं कोई गड़बड़ है....हम विचार करें....बाकी कविता तो अच्छी बन पड़ी है....तभी तो कुछ लिख पाया मैं......!!
Pahli baar aapka blog dekha. Ek achche anubhav ke liye badhai.
guptasandhya.blogspot.com
संदेश परक सुंदर रचना.
दीप और आलोक के निमित्त से
या चेतना का स्वर है....बधाई.
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शोभा जी आपकी कविता बहुत अच्छी है। यह आपके विचारों का प्रतिबिम्ब है जो कलम से कागज पर उकेरा गया।
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