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>> Wednesday, December 31, 2008

बीत रहा है जीवन पल-पल

काल चक्र है घूम रहा

आता है जीवन में कोई

कोई पीछे छूट रहा

सूखी पुष्पों की माला जो

विगत वर्ष का हार बनी

नए वर्ष के स्वागत में फिर

मुसकाती है कली-कली

फिर आँखों में नूतन सपने

जीवन सुखी बनाने के

भूल विगत की असफलताएँ

भावी सफल बनाने के

उर- उन्माद जगा है फिर से

झंकृत मन वीणा के तार

नए वर्ष की मोहक आहट

दस्तक देती बारम्बार

आओ हम सब मिलकर बन्धु

नव आगन्तुक को लाएँ

बीत गया जो वर्ष उसे हम

आज विदाई दे आएँ

13 comments:

siddheshwar singh December 31, 2008 at 6:30 PM  

बधाई और शुभकामनायें !

Smart Indian December 31, 2008 at 6:31 PM  

नश्वर सृष्टि नष्ट हुई तो
नूतन जग निर्माण करें हम

गुजरी बातें छोडो अब तो
उठने का सामान करें हम।

आपको, आपके परिवारजनों और मित्रों को नव-वर्ष की शुभकामनाएं!

मोहन वशिष्‍ठ December 31, 2008 at 7:54 PM  

कुछ ही पलों में आने वाला नया साल आप सभी के लिए
सुखदायक
धनवर्धक
स्‍वास्‍थ्‍वर्धक
मंगलमय
और प्रगतिशील हो

यही हमारी भगवान से प्रार्थना है

राज भाटिय़ा December 31, 2008 at 11:38 PM  

नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!
नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,
ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद

नीरज गोस्वामी January 1, 2009 at 12:15 AM  

आप को भी नव वर्ष की शुभ कामनाएं..
नीरज

नीरज मुसाफ़िर January 1, 2009 at 11:09 AM  

HAPPY NEW YEAR SHOBHA JI.
OR HAAN 2010 KEE BHI ABHI SE
ADVANCE ME

Unknown January 1, 2009 at 12:25 PM  

जीवन की आप धापी में
भूले विसरे गीत... बधाई
नित नूतन अभिनव गीतों के
बोल बनें अनमोल बधाई

....शुभकामनाये नव वर्ष की

Vinay January 4, 2009 at 7:16 PM  

बहुत ख़ूब, नये वर्ष की शुभकामनाएँ

Dr. Zakir Ali Rajnish January 13, 2009 at 11:23 AM  

सही कहा, जो बीत गया उसे भूल कर आने वाले के लिए तैयार हों, यही जीवन की सफलता का राज है।

रंजना January 13, 2009 at 3:47 PM  

वाह ! बहुत ही सुंदर कविता है......
पर यह गद्यवत पोस्ट हो गया है.कृपया एक बार फ़िर से एडिट कर पोस्ट कर दीजिये.तब यह अपने पूर्ण सौंदर्य के साथ दृष्टिगत हो पायेगी.

Dev January 15, 2009 at 11:45 AM  

आपको लोहडी और मकर संक्रान्ति की शुभकामनाएँ....

महेंद्र मिश्र.... January 17, 2009 at 9:04 PM  

नव वर्ष लोहडी और मकर संक्रान्ति की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं .

Akhilesh Shukla February 9, 2009 at 9:45 PM  

आपकी कविताएं बहुत ही अच्छी हैं। क्यों न आप इन्हें प्रकाशन के लिए भेंजें। यदि आप पत्रिकाओं के पते चाहते हैं तो मेरे ब्लाग पर पधारें पते के साथ साथ पत्रिकाओं की समीक्षा भी पॄ सकेगें
अखिलेश शुक्ल
संपादक कथा चक्र
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